इसे आयुर्वेद में गठिया के नाम से भी जाना जाता है | आयुर्वेदानुसार शरीर में वात तत्त्व की अधिकता के कारण ये रोग होता है | अर्थराइटिस अधिकतर उम्रदराज लोगों में देखा जाता है | इस रोग के होने पर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो जाती है | रोगी के जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है , उसे उठने- बैठने , यहाँ तक की घुटने मोड़ने में भी पीड़ा का अनुभव होता है |
उपचार एवं नुस्खे -
अदरक
अदरक का उपयोग अर्थराइटिस में बहुत ही फायदेमंद है | 100 से 150 ग्राम अदरक को कुछ दिन किसी भी रूप में अपनी दिनचर्या में शामिल करें | चाहे तो इसे सूप , सलाद या जूस के साथ लें | कुछ ही दिनो में फायदा मिलेगा |
लहसुन -
लहसुन के रस में कपूर मिलाकर घुटनों पर मालिश करें | दर्द में रहत मिलेगी | ज्यादा तकलीफ होने पर अजवाइन एवं लहसुन को जलाकर सरसों के गरम तेल में डाल दें | इस प्रयोग से दर्द में काफी आराम मिलता है |
एलोवीरा
एलोवीरा अर्थात घृतकुमारी का रस जोड़ों के दर्द में बहुत असर करता है | रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन करें | यह जोड़ों को मजबूत करता है |
कनेर का प्रयोग
कनेर के पत्तों को गर्म पानी में अच्छी तरह उबाल लें | इसमें मीठा तेल मिलाकर लेप बना लें | इस लेप को घुटनों पर लगाएं | इस प्रयोग से दर्द में काफी आराम मिलता है |
अन्य उपाय -
पीने के लिए तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी प्रयोग करें | नारियल की गिरी खाना शुरू करें | पेट साफ़ रखें , वजन घटायें , घुटनों की एक्सरसाइज डॉक्टरी परामर्श से करें | इन उपायों से आप काफी आराम पा सकते हैं |
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