1 :- दस मिलीलीटर एरण्ड तेल के साथ हरड़ का 1 ग्राम चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार पीने से बहुत अच्छा लाभ होता है । यदि एरण्ड तेल के कारण बार बार दस्त की शिकायत हो तो तेल की मात्रा को घटाया जा सकता है ।
2 :- सर्दियों का मौसम आमवात के रोगी के लिये बहुत कष्टकारी होता है । ऐसे रोगियों को सर्दियों में रोज दो बार मेथी का लड्डू खाना चाहिये । मेथी का लड्डू बनाने की विधी आपके घर परिवार में पुरानी बुजुर्ग महिला को जरूर मालूम होगी ।
3 :- दर्द वाले जोड़ पर बिनोले के तेल की मालिश करने से जोड़ों की सूजन भी उतर जाती है और दर्द एवं अकड़ाहट से भी बहुत आराम मिलता है । बिनोले का तेल आपको अपने शहर में किसी भी जड़ी बूटी वाले से मिल जायेगा ।
4 :- लहसुन की कलियों को पानी के साथ निगलने से अथवा घी के साथ भूनकर सेवन करने से बहुत उत्तम लाभ मिलता है ।
5 :- आमवात के रोगी को दिन में एक बार भरपेट शहतूत जरूर खाने चाहिये । यह बढ़े हुये यूरिक एसिड को बहुत जल्दी कण्ट्रोल करता है ।
6 :- गठिया के रोगी को सेब का सिरका और सेब का मुरब्बा बहुत ही ज्यादा लाभ देता है । रोज 10-15 मिलीलीटर सेब का सिरका अथवा 1 सेब का मुरब्बा सेवन किया ही जाना चाहिये । ये ना सिर्फ गठिया का उपचार देंगे बल्कि शरीर में और भी बहुत सी बीमारियों में लाभ देंगे ।
7 :- सर्दियों में बथुये और मेथी के ताजा पत्तों का रस 200-300 मिलीलीटर रोज पीने से शरीर एसिड से मुक्त होता है और आमवात की समस्या के लक्षणों में भी बहुत कमी आती है ।
8 :- बड़ी हरड़, सूखी अदरक और अजवायन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर बनाया गया चूर्ण रोज तीन तीन ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम के समय गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिये । यह आमवात रोग का बहुत से लोगों पर आजमाया हुया सरल और लाभकारी नुस्खा है ।
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