बेर तो बहुत खाये होंगे, लीजिये इसकी छाल और पत्तों के गुणों की जानकारी
बेर एक बहुत ही सामान्य सा दिखने वाला फल होता है जिसका स्वाद बहुत ही अनुठा होता है ।
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1. बेर के पत्तो का रस दूध मे मितलाकर पीने से चेचक का रोग ठीक हो जाता है ।
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2.बेर के कोमल पत्तों को पीसकर, पानी मे मिलाकर घड़े में ड़ालकर मथनी से बिलोकर आये झागो को शरीर पर लेप करने से शरीर के सभी रोग दूर हो जाते है ।
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3. अतिसार रोग को ठीक करने के लिये बेर के पत्तों का चूर्ण बनाकर मट्ठे के साथ पीने से लाभ होता है ।
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4.बेर के पेड़ की छाल को पीस मुँह मॆं रखकर चूसते रहने से दबी आवाज खुल जाती है ।
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5. श्वेत प्रदर या रक्त प्रदर की परेशानी को दूर करने के लिये बेर की छाल का चूर्ण गुड़ या शहद के साथ मिलाकर खाने से इस रोग मे लाभ होता है ।
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6.बेर के पेड़ की छाल का काड़ा बनाकर कुल्ला करने से दाँत और मसूड़े मजबूत बनते है और लार भी टपकनी बंद हो जाती है ।
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7.गर्मियों में अक्सर पेशाब रुकने की समस्या हो जाती है इससे निज़ात पाने के लिये बेर के कोमल पत्तों और जीरा मिलाकर पीसकर पीने से लाभ होता है ।
बेर एक बहुत ही सामान्य सा दिखने वाला फल होता है जिसका स्वाद बहुत ही अनुठा होता है ।
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1. बेर के पत्तो का रस दूध मे मितलाकर पीने से चेचक का रोग ठीक हो जाता है ।
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2.बेर के कोमल पत्तों को पीसकर, पानी मे मिलाकर घड़े में ड़ालकर मथनी से बिलोकर आये झागो को शरीर पर लेप करने से शरीर के सभी रोग दूर हो जाते है ।
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3. अतिसार रोग को ठीक करने के लिये बेर के पत्तों का चूर्ण बनाकर मट्ठे के साथ पीने से लाभ होता है ।
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4.बेर के पेड़ की छाल को पीस मुँह मॆं रखकर चूसते रहने से दबी आवाज खुल जाती है ।
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5. श्वेत प्रदर या रक्त प्रदर की परेशानी को दूर करने के लिये बेर की छाल का चूर्ण गुड़ या शहद के साथ मिलाकर खाने से इस रोग मे लाभ होता है ।
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6.बेर के पेड़ की छाल का काड़ा बनाकर कुल्ला करने से दाँत और मसूड़े मजबूत बनते है और लार भी टपकनी बंद हो जाती है ।
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7.गर्मियों में अक्सर पेशाब रुकने की समस्या हो जाती है इससे निज़ात पाने के लिये बेर के कोमल पत्तों और जीरा मिलाकर पीसकर पीने से लाभ होता है ।