अस्थमा किसी भी उम्र में हो सकता है । एक साल के बच्चे को, 30 साल के जवान को और 60 साल के वृद्ध को । अस्थमा की समस्या में समय पर सही इलाज करवाना जरूरी होता है । कुछ चिकित्सकों का मानना है कि अस्थमा को जड़ से खत्म नही किया जा सकता है किंतु इसके लक्षणों को पूरी तरह दबाकर रोगी को सामान्य जिन्दगी जीने में पूरी मदद की जा सकती है । बस जरूरत होती है कि सही समय पर अस्थमा को पहचान कर उसका इलाज शुरू कर दिया जाये ।
अस्थमा के कारण और लक्षण :-
अस्थमा के बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमें सबसे प्रमुख है फेफड़ों की एलर्जी । यह एलर्जी अलग अलग रोगियों को अलग अलग चीजों से हो सकती है जैसे कि किसी को ठण्डी और नमी वाली जगह से एलर्जी हो सकती है तो किसी को धूल भरी जगह से । किसी को चावल खाने से अस्थमा की समस्या हो सकती है तो किसी केला या दही अथवा कुछ और खाने से । अस्थमा के रोगी का प्रमुख लक्षण यह है कि उसको साँस लेने में समस्या होने लगती है और जोर लगाकर साँस लेना पड़ता है जिस कारण सीने में खिंचाव महसूस होता है । कफ और बलगम की समस्या होने लगती है । यदि जल्दी ही ध्यान ना दिया जाये तो समस्या बहुत ज्यादा भी बढ़ सकती है ।
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अस्थमा के लिये कुछ सरल घरेलू नुस्खे :-
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1:- अस्थमा के रोगी को रोज दो बार तेज गरम पानी में कुछ बूंदे यूकेलिप्टिस तेल की डालकर 15-15 मिनट भाँप लेनी चाहिये ।
2 :- सौंठ का काढ़ा बनाकर सुबह और शाम नियम से पीने से अस्थमा का दौरा उठने की सम्भावना बहुत कम हो जाती है ।
3 :- 2 लौंग को चिकने पत्थर पर घिसकर शहद के साथ मिलाकर चटनी बनाकर चाटने से अस्थमा के वेग में तुरंत आराम मिलता है ।
4 :- ठण्डी जगह पर यदि स्ट्राँग कॉफी बनाकर पी जाये तो ठण्ड लगने से होने वाला अस्थमा का दौरा रुक जाता है ।
5 :- सरसों के तेल में कपूर मिलाकर हल्का गर्म करके सीने पर मालिश करने से अस्थमा के वेग को रोका जा सकता है ।
6 :- तुलसी के पत्तों की चाय प्राकृतिक रूप से अस्थमा की समस्या का बहुत प्रभावी उपचार है ।
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