कान का संक्रमण बहुत कम ध्यान दिये जाने वाली समस्या है और प्राय रोगी तब तक इसके इलाज के बारे में नही सोचता जब तक की संक्रमण के कारण तीव्र दर्द नही होने लगता है । कान का संक्रमण बच्चों को अधिक पाया जाता है और अधिक उम्र के लोगों में बहुत कम ।
कान में संक्रमण का कारण और लक्षण :-
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कान में संक्रमण का प्रमुख कारण होता है बैक्टीरिया या वायरस का पैदा हो जाना । इसके अन्य प्रमुख कारण होते हैं कान में वैक्स का बनना, पुरानी खाँसी, मौसम का परिवर्तन, कान में तीली और सिलाई आदि दालकर खुजाना, पानी चला जाना और कोई कीड़ा आदि घुस जाना । कान के संक्रमण के मुख्य लक्षण होते हैं कान मे अकारण ही लगातार दर्द महसूस होना, अजीब अजीब सी आवाजें सुनना, अगर कान में मवाद बन गया है तो कान में भारीपन और दुर्गन्ध भी आ सकती है । कई बार संक्रमण ज्यादा बढ़ जाने और उचित उपचार ना किये जाने पर रोगी ऊँचा भी सुनने लगता है ।
कान मे संक्रमण के घरेलू उपचार :-
1 :- सरसों के तेल में जीवाणुनाशक गुण होते हैं अतः कान में संक्रमण होने पर सरसों के तेल को गर्म करके कान में डालने का उपचार सदियों से सफलता पूर्वक किया जाता रहा है । आधुनिक समय में बहुत से लोग इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाने लगे हैं किंतु ऐसा उचित नही है । यह एक बहुत ही सफल प्रयोग है जो कान के संक्रमण में अपनाया जा सकता है ।
2 :- लहसुन का तेल भी कान में कीड़े आदि से होने वाले संक्रमण में बहुत लाभकारी होता है । कान में वैक्स हो जाने पर भी यह परम लाभकारी सिद्ध होता है । लहसुन का तेल बनाने के लिये लहसुन की दो कलियों को दो चम्मच जैतून के तेल के साथ चमचे में रखकर हल्की आँच पर गर्म करें और जब धूँआ उठना बंद हो जाये तो ठण्डा करके छानकर काँच की शीशी में भर लें । जरूरत पड़ने पर इस तेल को कान में बूँद बूँद करके डालना चाहिये । एक समय में 2 बूँद और एक दिन में दो बार डालना चाहिये ।
3 :- तुलसी के पत्तों को कूटकर जो रस निकलता है वो ताजा ही कान के अन्दर डालना चाहिये । तुलसी के पत्तों का रस एक बूँद सप्ताह में केवल एक बार ही डालना चाहिये ।
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