लोकतंत्र में, प्रत्येक नागरिक के पास कुछ बुनियादी अधिकार हैं कि राज्य उनसे दूर नहीं जा सकता है।
इन अधिकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और गारंटी दी जाती है।
हर किसी को अपने धार्मिक विश्वासों सहित अपनी मान्यताओं का अधिकार है, और वे क्या सोचते हैं और लिखते हैं। हर किसी को जानकारी और विचारों के विभिन्न स्रोतों का पता लगाने का अधिकार है।
सभी को ट्रेड यूनियनों सहित अन्य लोगों के साथ जुड़ने और अपनी पसंद के संगठनों में शामिल होने और शामिल करने का अधिकार है। हर किसी को सरकार के कार्यों को इकट्ठा करने और विरोध करने का अधिकार है।
देश में क्या हो रहा है
क्या चुनाव जीतने के बाद विधायको को अजादी नही है अपनी पसंद से वोट करने का?
भारत समाचार में खबर
नई दिल्ली : कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा ने भले मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली हो, लेकिन सत्ता के लिए जोड़ तोड़ अभी जारी है. येदियुरप्पा ने अभी बहुमत साबित नहीं किया है. ये उनके लिए सबसे बड़ा सकंट है. वहीं चुनाव परिणाम के बाद साथ आए कांग्रेस और जेडीएस के लिए अपने विधायकों को संभालना भी टेड़ी खीर साबित हो रहा है. पहले कांग्रेस के विधायक बेंगलुरु के ईगल रिसॉर्ट में ठहरे हुए थे. अब इन विधायकों में टूट न हो इसके लिए इन्हें बेंगलुरु से हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया है.
गुरुवार आधी रात को इन विधायकों को बेंगलुरु से हैदराबाद एक बस से भेजा गया. शुक्रवार सुबह ये विधायक हैदराबाद पहुंच गए हैं. इन विधायकों में कांग्रेस के अलावा जेडीएस विधायक भी थे. वहीं मीडिया में चल रही कुछ खबरों में दावा किया जा रहा है कि इस समय कांग्रेस विधायकों के साथ उनके चार विधायक नहीं हैं. इन चार विधायकों में आनंद सिंह, प्रताप गौड़ा, राजशेखर पाटिल शामिल हैं.
क्या होना चाहिए !!!
जो भी राजनीत पार्टी ऐसा करे ..उनको सरकार बनने का कोई अधिकारी नही होना चहिये! ये लोक तंत्र है...??
कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लागू हो !!!