हकलाने -तुतलाने वाला व्यक्ति यह तो जानता है कि उसे क्या बोलना है, लेकिन वह बोल नहीं पाता और एक ही अक्षर या शब्द बार-बार दोहराता है। यह समस्या बोलने से जुड़ी मांसपेशियों और जीभ पर नियंत्रण न होने से पैदा होती है। अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से परेशान है तो ये खबर आपके लिए ही है।
शंख मुद्रा करने के लिए सबसे पहले दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर हथेलियां दबाएं। इसके बाद बाएं हाथ के अंगूठे को दोनों हाथ की मुट्ठी बनाकर उसमें बंद कर लें और फिर बाएं हाथ की तर्जनी उंगली को दाएं हाथ के अंगूठे से मिलाएं। इस तरह से शंख मुद्रा बन जाती है। इस मुद्रा में बाएं हाथ की बाकी तीन उंगलियों के पास में सटाकर दाएं हाथ की बंद उंगलियों पर हल्का-सा दबाव दिया जाता है। ठीक इस तरह ही हाथ को बदलकर अर्थात् दाएं हाथ के अंगूठे को बाएं हाथ की मुट्ठी में बंद करके शंख मुद्रा बनाई जाती है।
सावधानियां
जिन लोगों को कफ की समस्या रहती हो उन्हें यह मुद्रा अधिक समय तक नहीं करनी चाहिए। शंख मुद्रा को किसी भी समय किया जा सकता है। प्रतिदिन 15 मिनट दिन में तीन बार 30 से 45 मिनट इसका अभ्यास किया जा सकता है।