काला जादू कैसे करे सीखें
क्या कोई साधक काला जादू कैसे करे/सीखें को प्रयोग में लाना चाहता है ? यदि ऐसा है तो फिकर मत करे कोई भी प्राणी कला जादू का प्रयोग अपने जीवन को सफल बनाने के लिए कर सकता है| तंत्र-मंत्र की एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जटिल विद्या काला जादू है, जिसे सीखना और इस्तेमाल करना, दोनों असाधारण कार्यों की तरह हं। इसका प्रयोग मुख्य तौर पर वशीकरण और नकारात्म प्रभावों को हटाने के लिए किया जाता है। सकारात्मक और मानवहित के उद्देश्य से किए गए प्रयोग का लाभ अच्छा मिलता है। यह पूरी तरह से तंत्रिक प्रयोग है, जिसके अनुष्ठान सामान्य वैदिक अनुष्ठानों से काफी भिन्न होते हैं। वैसे काला जादू कोई चमत्कार नहीं है, बल्क व्यक्ति के मन और मस्तिष्क में समाया हुआ ऊर्जा का एक रूप है, जो कभी सकारात्मक तो कभी नकारात्मक प्रभाव देता है। दुनिया मं सबसे ज्यादा काला जादू का उपयोग अफ्रीका में होता है तथा वहां इसे वूडू नाम से जाना जाता है। भारत में काला जादू सीखने के लिए उपयुक्त स्थान कामाख्या मंदिर है, जहां तांत्रिक साधनाएं की जाती हैं। इसके लिए विशेष पूजा पाठ, प्रार्थना और तपस्या करनी होती है।
क्या है काला जादू?
काला जादू ऊर्जा का एक वैसा शक्तिशाली पूंज है, जिसका इस्तेमाल एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के लिए करता है। विज्ञान के अनुसार ऊर्जा न तो नष्ट होती है और न ही इसका निर्माण किया जा सकता है, बल्कि यह विभिन्न रूपों में रूपांतरित होती है। काला जादू का प्रयोग इसी संदर्भ में है, जो नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने की अद्भुत क्षमता रखता है तथा व्यक्ति को आत्मविश्वास से भर देता है। इसकी परिकल्पना तंत्र-मंत्र और देवी-देवताओं की आराधना, उपासना, साधना, सिद्धि और पूजन आदि में मिलती है। यह कहा जा सकता है कि अपने भीतर की सुसुप्त क्षमता को जागृत करने के लिए इस चमत्कार सरीखी विद्या को सीखा और अपनाय जा सकता है।
साथ ही यह बौद्धिक क्षमता और छिपे हुए ज्ञान को बढ़ाने वाला है। यदि माघ के महीने में कुष्णपक्ष अष्टमी के दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आधी रात के समय लाल चंदन से ‘‘ओम ह्वीं’’ मंत्र को भोजपत्र या हस्तनिर्मित कागज के टुकड़े पर अनार की कलम से लिखकर नित्य पूजा किया जाए तो अपार विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
मान्यताएंः काले जादू के संबंध मं विविध तरह की मान्यताएं चलन में हैं, जिसमें ज्यादतर नकारत्मक प्रभाव की बातें हैं। ज्यादातर लोग इसका गलत इस्तेमाल कर अपना स्वार्थ सिद्धि करते हैं और सीधे-सादे लोगों के चमत्कारी प्रभाव बताकर झांसा देते हैं। इस संदर्भ मं अज्ञानी तांत्रिकों द्वारा की जाने वाली तांत्रिक सिद्धियां मनुष्य के लिए जानलेवा भी बन जाती हैं। कुछ लोग इसे बली से जोड़ देते हैं। यही कारण है कि भारत में इसे एक कुरीति के नजरिए से भी देखा जाता है, लेकिन इसकी नींव काफी गहरी है। इसके चमत्कारी प्रभाव के बारे में कहते हैं कि काला जादू से किसी पुतले में सुई चुभोकर इस जादू के प्रभाव में आए व्यक्ति को वश में किया जा सकता है। इस तरह से उसके सारे कार्य दूसरे की इच्छानुसार होने लगते हैं। असम का मयोंग नामक गांव काला जादू का गढ़ माना जाता है।
उपयोग की वस्तुएं और प्रभावः काले जादू का उपयोग विभिन्न टोटके के लिए भी किया जाता है, जिसके मनोवांछित परिणाम मिलते हैं। ऐसी मान्यता है कि काला जादू से संसार का हर काम सिद्ध किया जा सकता है। इसके द्वारा प्रेमी अगर प्रेमिका को अपने प्रेम में वशीभूत रख सकता है तो कोई पत्नी अपने पति को परस्त्री गमन से रोक सकती है। इसकी साधना और तांत्रिक सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुएं खास किस्म की होती हैं, उनमं लोहे की आलपिन, गुड़िया, जानवरों के शरीर के हिस्से, नींबू, हरी व लाल मिर्च, रजोधर्म के कपड़े, डरावने मुखैटे, सरसों, तिल, तेल आदि मुख्य हैं।
प्रयोग के तरीकेः काला जादू उपयोग के लिए मंत्र का प्रयोग संबंधिति व्यक्ति को अभिमंत्रित मिठाई, लौंग, इलायची, पान आदि खिलाकर किया जाता है। इसके अतिरिक्त बगैर कुछ खिलाए भी काला जादू का तांत्रिक प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए घर या कमरे में अभिमंत्रित वस्तु, जैसे मिट्टी, नींबू, मिर्च, पानी या श्मशान का कोयला आदि फेंक दिया जाता है। तंत्र विज्ञान के अनुसार अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के तहत खाने की वस्तुओं जैसे-बेसन, उड़द या गेहूं के आटे आदि से एक गु़िड़या बनाई जाती है। इसमें जान डालने का प्रयोजन करते हुए मंत्रोच्चारण के जरिए जिस व्यक्ति पर जादू करना होता है उसके नाम से पुतले को जागृत किया जाता है।
काला जादू का मंत्रः बौद्ध संप्रदाय द्वारा उपयोग में लाया गया एक विशिष्ट मंत्र निम्नलिखित है, जिसके बारे मं मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने अपने जीवन काल में प्रतिदिन 108 बार जाप करते थे। ऐस कर उन्होंने मां तारा को सिद्ध कर लिया था तथा इससे उनके जीवन में आपार क्षमता और शक्ति आ गया था। यह मंत्र हिंदू तंत्र की दसमहाविद्याओं में से दूसरा है। मान्यता है कि एक समय में बौद्ध और हिंदू समुदाय के लोग एकसाथ काले जादू का प्रयोग करते थे।
विविध उपयोग और असर: काले जादू के विविध उपयोग में अगर वशीकरण महत्वपूर्ण है, तो इसकी मदद से काले साए, बुरी आत्माएं या कहें भूत-प्रेम के साए से मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए बहुत ही आसानी से इस्तेमाल किए जाने वाले टोटके बताए गए हैं। इस प्रभाव में आने वाले व्यक्ति के स्वाभाव में अजीबोगरीब परिवर्तन आ जाता है। यहां तक कि उसका स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है और नाखून अपने आप काला पड़ जाता है।
इसके अतिरिक्त घर में कुछ परिवर्तन भी देखे जा सकते हैं। जैसे यदि तुलसी का पौधा लगा हो और किसी ने काला जादू कर दिया हो तो उससे तुलसी के पत्ते मुर्झा जाते हैं। किसी व्यक्ति पर काले जादू का प्रभाव जितना अचूक और प्रभावशाली होता है, उतना ही इससे उपयोग करने वाला भी प्रभावित हो जाता है। इससे मन में निराशा और हताशा के भाव इस हद तक बढ़ जाते हं कि विचलित व्यक्ति आत्महत्या तक कर लेता है।
यही कारण है कि काला जादू करने से पहले इसके लाभ-हानि और प्रभाव-दुष्प्रभावों का आकलन किया जाना आवश्यक है। वैसे रोग से मुक्ति, बच्चे को रात में रोने से राहत दिलाने, नजर उतारने, घरेलू कलह दूर करने, दंपत्य जीवन मं प्रेम-भावना बढ़ाने, रोजगार या करिअर संवारने आदि के लिए इससे संबंधित टोटके करने का लाभ लिया जा सकता है।
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